8वां वेतन आयोग कब : कर्मचारियों की बढ़ी उम्मीदें

भारत सरकार समय-समय पर अपने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन एवं भत्तों की समीक्षा हेतु वेतन आयोगों का गठन करती है। वर्तमान में 7वां वेतन आयोग लागू है, जिसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से प्रभावी हुई थीं। अब अगला वेतन आयोग, यानी 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission), चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि सरकार की ओर से अभी तक इसे लेकर आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं हुई है, फिर भी विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स, कर्मचारी संघों की मांगों और वित्त मंत्रालय के कुछ संकेतों के आधार पर इससे जुड़ी संभावित जानकारी संकलित की जा सकती है।

वेतन आयोग का उद्देश्य

वेतन आयोग का मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन, भत्ते, पेंशन और अन्य लाभों की समीक्षा कर उन्हें मौजूदा आर्थिक और सामाजिक परिस्थितियों के अनुसार अद्यतन करना होता है। इसके तहत महंगाई, बाजार में वस्तुओं की कीमतें, जीवन-यापन की लागत, कर्मचारियों की कार्यक्षमता और आर्थिक विकास जैसे कई बिंदुओं का अध्ययन किया जाता है।

आठवां वेतन आयोग: संभावित गठन एवं लागू होने की तिथि

कर्मचारियों और विशेषज्ञों के अनुसार, 8वां वेतन आयोग अब गठित किया जा सकता है, क्योंकि 7वें वेतन आयोग को लागू हुए लगभग 10 वर्ष पूरे हो जाएंगे। परंपरागत रूप से वेतन आयोगों को हर 10 वर्षों के अंतराल पर नियुक्त किया जाता है। यदि आठवां वेतन आयोग 2025 में गठित होता है, तो इसकी सिफारिशें संभवतः 1 जनवरी 2026 से लागू मानी जा सकती हैं।

कर्मचारियों की मुख्य मांगें

  1. फिटमेंट फैक्टर में वृद्धि – 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा गया था। कर्मचारी संघ इसे बढ़ाकर कम से कम 3.68 करने की मांग कर रहे हैं, जिससे न्यूनतम वेतन ₹18,000 से बढ़कर ₹26,000 या उससे अधिक हो सके।
  2. महंगाई भत्ते (DA) की गणना का नया आधार – वर्तमान DA प्रणाली को अधिक पारदर्शी और वास्तविक जीवन-यापन लागत से जोड़ने की मांग उठाई जा रही है।
  3. पेंशनर्स के लाभ – सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए पेंशन पुनरीक्षण और महंगाई राहत में बढ़ोतरी की मांग भी प्रमुख है।

सरकार का रुख

हाल ही में वित्त मंत्रालय ने संसद में एक प्रश्न के उत्तर में कहा था कि वर्तमान में आठवें वेतन आयोग के गठन की कोई योजना नहीं है, और सरकार एक ऐसी प्रणाली विकसित करने की दिशा में कार्य कर रही है जिसमें कर्मचारियों के वेतन में नियमित वृद्धि हो, जिससे बार-बार वेतन आयोग की आवश्यकता न पड़े। हालांकि, कर्मचारी संगठनों द्वारा बढ़ते दबाव को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि अंततः 8वां वेतन आयोग गठित किया जा सकता है।

संभावित प्रभाव

यदि 8वां वेतन आयोग लागू होता है, तो इससे लगभग 50 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और लगभग 60 लाख पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा। इसका आर्थिक प्रभाव सरकार के कुल राजकोषीय व्यय पर भी पड़ेगा, लेकिन यह कर्मचारियों की क्रय शक्ति बढ़ाकर अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ावा भी दे सकता हैI

केंद्र सरकार के कर्मचारियों, पेंशनर्स और संघों की मांगों को देखते हुए आने वाले वर्षों में इसका गठन लगभग तय माना जा रहा है। यह आयोग यदि समय पर गठित होता है और उसकी सिफारिशें लागू होती हैं, तो यह लाखों कर्मचारियों के जीवन स्तर में सुधार लाने में सहायक सिद्ध हो सकता है।

फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) क्या होता है?

फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक है जिससे बेसिक पे को गुणा किया जाता है ताकि नए वेतन आयोग के अनुसार वेतन तय किया जा सके।

वेतन आयोगफिटमेंट फैक्टरन्यूनतम वेतन वृद्धि
6th CPC1.86₹7,000 ➜ ₹13,000
7th CPC2.57₹7,000 ➜ ₹18,000
8th CPC (संभावित)3.68 (संघों की मांग)₹18,000 ➜ ₹26,000

संभावित न्यूनतम से अधिकतम वेतन में वृद्धि (अनुमानित)

यदि फिटमेंट फैक्टर 3.68 मान लिया जाए (जो कर्मचारी संगठनों की मांग है), तो निम्नलिखित अनुमान लगाए जा सकते हैं:

वर्तमान बेसिक पे (7th CPC)संभावित बेसिक पे (8th CPC @ 3.68)कुल वृद्धि
₹18,000₹26,000₹8,000
₹25,000₹36,800₹11,800
₹35,000₹51,800₹16,800
₹50,000₹73,600₹23,600
₹70,000₹1,02,400₹32,400

कुछ पदों के अनुसार संभावित सैलरी वृद्धि (अनुमान)

नोट: यह सटीक नहीं है, लेकिन पिछले वेतन आयोगों के पैटर्न और प्रस्तावित फिटमेंट फैक्टर पर आधारित सामान्य अनुमान है।

पदवर्तमान बेसिक वेतनसंभावित (8th CPC)वृद्धि (लगभग)
चपरासी / बहुद्देशीय कर्मचारी₹18,000₹26,000₹8,000
क्लर्क / लोअर डिवीजन क्लर्क₹19,900 – ₹25,500₹29,000 – ₹37,500₹9,000 – ₹12,000
टीचर (प्राथमिक स्तर)₹35,400₹51,800₹16,400
पुलिस कांस्टेबल₹21,700₹31,800₹10,100
सब-इंस्पेक्टर / नायब तहसीलदार₹44,900₹65,000₹20,100
ग्रुप-A अधिकारी (IAS, IRS आदि)₹56,100 – ₹1,77,500₹82,400 – ₹2,60,000₹26,000 – ₹82,500

पेंशनभोगियों पर प्रभाव

पेंशन की गणना भी आमतौर पर अंतिम वेतन के आधार पर होती है, इसलिए जैसे ही बेसिक वेतन बढ़ेगा, वैसे ही:

  • पुरानी पेंशन योजना वालों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
  • न्यू पेंशन स्कीम (NPS) के कर्मचारियों के लिए सरकार का अंशदान (currently 14%) ज्यादा बेसिक पर लगेगा, जिससे उनका रिटायरमेंट फंड बढ़ेगा।

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