कौन नहीं चाहेगा जून में दक्षिण भारत की यात्रा करना,जब उत्तर भारत गर्मी से झुलस रहा होता है। भारत का दक्षिणी हिस्सा यानि दक्षिण भारत, चारों ओर से हरियाली, पहाड़ियां, समुद्र तट, मंदिरों और संस्कृति से घिरा हुआ है। जब उत्तर भारत के अधिकांश हिस्से जून में तेज गर्मी से झुलस रहे होते हैं, तब दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में मानसून दस्तक दे चुका होता है, जिससे यहाँ का मौसम बेहद सुहावना हो जाता है। अगर आप जून में एक यादगार यात्रा की योजना बना रहे हैं जिसमें प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक समृद्धि और स्वादिष्ट स्थानीय व्यंजन हों — तो यह ब्लॉग आपके लिए एक परफेक्ट ट्रैवल गाइड है।
1)कूर्ग (Coorg), कर्नाटक – कॉफी की खुशबू और बादलों की चादर से घिरा

मौसम:
कूर्ग को “भारत का स्कॉटलैंड” कहा जाता है। जून में यहाँ हल्की बारिश होती है जो हरे-भरे कॉफी बागानों और पहाड़ियों को ताजगी से भर देती है।
दर्शनीय स्थल:
- एबी फॉल्स (Abbey Falls) – बरसात के मौसम में बेहद रोमांचक और तेज धाराओं वाला झरना
- राजा की सीट – बादलों के बीच सूर्यास्त का शानदार नज़ारा
- मडिकेरी फोर्ट और ओंकारेश्वर मंदिर – ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल
संस्कृति:
कूर्ग की पारंपरिक “Kodava” संस्कृति आज भी जीवित है। यहां के लोग बहादुर, आत्मनिर्भर और अपने रीति-रिवाजों में रचे-बसे हैं। परंपरागत शादी और त्यौहारों में तलवार, नृत्य और संगीत की खास भूमिका होती है।
खान-पान:
- पांडी करी (Pandi Curry) – स्थानीय कोर्गी स्टाइल पोर्क करी।
- नीर डोसा, बम्बू शूट करी, और फ्रेश कॉफी।
2)अलेप्पी (Alleppey), केरल – बैकवॉटर की सुंदरता

मौसम:
जून में दक्षिण भारत की यात्रा में अलेप्पी प्रमुख स्थान रखता है क्योंकि यहाँ मानसून की शुरूआत होती है। बारिश के कारण बैकवॉटर और अधिक सुंदर लगने लगते हैं। बादलों से ढका आसमान और ठंडी हवा यहाँ का प्रमुख आकर्षण होता है।
देखने योग्य स्थल:
- हाउसबोट क्रूज़ – केरल के पारंपरिक नावों में एक रात बिताना एक अलग ही अनुभव होता है
- अलेप्पी बीच और लाइटहाउस – मानसून के बीच सैर और फोटोग्राफी के लिए उपयुक्त
- कुमारकोम बर्ड सैंक्चुअरी – वर्षा में हरियाली से भरा हुआ और प्रवासी पक्षियों से रंगीन
संस्कृति:
केरल की संस्कृति में कथकली नृत्य, आयुर्वेद, और मंदिर उत्सव प्रमुख हैं। यहां की वास्तुकला और रीति-रिवाज मालाबार परंपराओं से प्रभावित हैं।
खान-पान:
- अप्पम और स्टू, पुट्टू-कडला करी
- ताजे समुद्री भोजन जैसे झींगे (Prawns Fry) और फिश मोली
- ताड़ के पत्तों पर परोसे जाने वाले पारंपरिक भोजन “सद्या”
3)मुन्नार, केरल – बादलों की गोद में चाय के बागान

मौसम:
जून में दक्षिण भारत की यात्रा के समय मुन्नार की पहाड़ियां और चाय के बागान मानसून से धुलकर और भी हरे-भरे हो जाते हैं। तापमान 15-22°C के बीच रहता है।
प्रमुख स्थल:
- एरविकुलम नेशनल पार्क – नीलगिरी तहर (एक दुर्लभ पहाड़ी बकरी) को देखने का मौका।
- मट्टुपेट्टी डैम, टॉप स्टेशन, कुंडला झील
- टी म्यूज़ियम – मुन्नार के चाय इतिहास का सुंदर प्रस्तुतीकरण।
संस्कृति और स्थानीय जीवन:
यहां की संस्कृति तमिल और मलयाली दोनों से प्रभावित है। चाय बागानों में काम करने वाले स्थानीय लोगों की जीवनशैली और सादगी आपको छू जाएगी।
भोजन:
- गर्मागर्म इलायची चाय
- स्टीम केक (Puttu) और केरला करी
- मानसून में खाने के लिए परफेक्ट – बनाना चिप्स और पकोड़े
4)हम्पी, कर्नाटक – इतिहास के पन्नों से निकला शहर

मौसम:
हम्पी में जून में गर्मी थोड़ी कम हो जाती है और पर्यटक भी कम होते हैं, जिससे आप शांति से इन ऐतिहासिक खंडहरों को देख सकते हैं।
दर्शनीय स्थल:
- विट्ठल मंदिर – जिसमें विश्व प्रसिद्ध “स्टोन रथ” है।
- विरुपाक्ष मंदिर – जो अभी भी सक्रिय पूजा स्थल है।
- हम्पी बाज़ार, लोटस महल, और हाथी अस्तबल
संस्कृति:
हम्पी कभी विजयनगर साम्राज्य की राजधानी था। आज भी यहाँ की वास्तुकला, मूर्तिकला और नक्काशी उस समय की वैभवशाली संस्कृति को दर्शाती है।
खान-पान:
हम्पी में स्थानीय दक्षिण भारतीय भोजन जैसे रागी बॉल्स, सांभर-डोसा, फिल्टर कॉफी, और विदेशी बैकपैकर कैफे में इंटरनेशनल कुज़ीन दोनों मिलते हैं।
5)ऊटी, तमिलनाडु – नीले पहाड़ों की रानी

मौसम:
जून में दक्षिण भारत की यात्रा में ऊटी प्रमुख स्थान रखता है क्योंकि यहाँ मौसम ठंडा और सुहावना होता है। मानसून की हल्की फुहारें इसे और भी रोमांटिक बना देती हैं।
दर्शनीय स्थल:
- ऊटी झील, डोडाबेट्टा पीक, और बोटैनिकल गार्डन
- नीलगिरि माउंटेन रेलवे की यात्रा – जिसे यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज घोषित किया गया है।
संस्कृति:
यहाँ की पारंपरिक आदिवासी संस्कृति “टोडा जनजाति” से जुड़ी हुई है। ऊटी ब्रिटिश काल में समर रिट्रीट था, इसलिए यहाँ की वास्तुकला में कोलोनियल प्रभाव भी दिखता है।
खाना:
- ऊटी चॉकलेट, कॉर्न सूप, और नीलगिरि चाय
- लोकल “कोरमा”, और ब्रेड-ओमलेट भी यहां लोकप्रिय है।
यात्रा के लिए सुझाव:
- पैकिंग टिप्स: छाता, रेन जैकेट, वॉटरप्रूफ शूज़ ज़रूर रखें।
- स्वास्थ्य: मानसून में कीड़े और मच्छर अधिक हो सकते हैं, इसलिए रिपेलेंट और प्राथमिक चिकित्सा साथ रखें।
- बुकिंग: मानसून ऑफ-सीज़न होता है, जिससे होटल्स और होमस्टे में छूट मिल सकती है।
- कैमरा और पावर बैंक: हिल स्टेशनों पर बिजली कटौती संभव है, जरूरी गैजेट्स चार्ज करके रखें।
निष्कर्ष
दक्षिण भारत की यात्रा सिर्फ घूमने की नहीं, बल्कि संवेदनाओं और अनुभवों की यात्रा होती है। जून में दक्षिण भारत की यात्रा यहाँ की हरियाली, संस्कृति, खानपान और आत्मीयता से रूबरू करा सकती है। चाहे आप प्रकृति प्रेमी हों, इतिहास के जिज्ञासु, या स्वाद के शौकीन – दक्षिण भारत हर किसी के लिए कुछ खास लेकर आता है। इस जून, चलिए बारिश की हर बूँद को जीते हैं – दक्षिण भारत की धरती पर।
नोट: इस बार(2025) जून में दक्षिण भारत की यात्रा करते समय मौसम का अपडेट लेते रहें क्योकि इस बार कई स्थानों पर मॉनसून समय से पहले पहुँच रहा है।
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