Monsoon (मानसून) की शुरुआत के साथ ही हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियाँ मौसम की करवट बदलने लगती हैं। इन दिनों हिमाचल में इतनी तेज़ बारिश हुई कि राज्य के 10 जिलों में रेड अलर्ट जारी करना पड़ा। इसका असर सड़क, रेल, विद्युत, मकानों आदि पर हुआ।

रेड अलर्ट का विस्तार और आईएमडी की भूमिका
30 जून 2025 को भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने हिमाचल प्रदेश के 10 जिलों ; Shimla, Bilaspur, Hamirpur, Kangra, Mandi, Solan, Sirmaur, Una, Kullu, Chamba में भारी से बहुत भारी वर्षा के चलते रेड अलर्ट जारी किया। अन्य जिलों में ऑरेंज–यलो अलर्ट था।
IMD ने आगामी दिनों में भी लगातार बारिश और फ्लैश फ्लड (flash flood) की आशंका जताई है ।
IMD Shimla केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक Sandeep Sharma ने बताया कि पिछले 24 घंटों में पांडोह (123 मि.मी.), मंडी (119.4 मि.मी.), और देवी मूर्ति (113.2 मि.मी.) में असामान्य रूप से भारी वर्षा रिकॉर्ड की गई ।
भूस्खलन, फ्लैश फ्लड
भारी वर्षा के चलते कई स्थानों पर भूस्खलन (landslides) और फ्लैश फ्लड की घटनाओं के कारण जीवन अस्तव्यस्त हो गया।
- मंडी, सिरमौर, कांगड़ा, कुल्लू जिलों में flash flood का खतरा दिखा; IMD ने इन जिलों में moderate–high जोखिम बताया ।
- ब्यास नदी समेत कई नदियों में जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुँच गया।
राज्य के 129 से अधिक राजमार्ग बंद रहे, जिनमें Chandigarh–Shimla National Highway और Kalka–Shimla heritage railway track प्रमुख रूप से शामिल थे ।
मानव और पर्यावरणीय क्षति
मौसम की मार से जान-माल का नुकसान भी हुआ:
- पिछले 24 घंटों में तीन लोग मारे गए; एक Una में डूबने से, एक Bilaspur में और एक पहाड़ी गिरने से Shimla में ।
- कुल्लू और कांगड़ा में cloudburst के चलते कम से कम पाँच लोगों की मौत हुई; कई लोग लापता भी बताए गए ।
- Shimla में एक पांच-मंजिला घर गिर गया, हालांकि उसमें कोई घायल नहीं हुआ क्योंकि उसे पहले ही खाली करा लिया गया था ।
- पावर ग्रिड की तबाही हुई; लगभग 612 ट्रांसफॉर्मर प्रभावित हुए, जिससे बिजली आपूर्ति बाधित हुई ।
सामाजिक-सांस्कृतिक और आर्थिक असर भी हुआ:
- शैक्षिक संस्थान ,कांगड़ा, मंडी, सिरमौर, सोलन समेत कुछ जिलों में बंद रहे ।
- heritage railway ट्रैक और राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने से पर्यटन प्रभावित हुआ और लोकआवागमन ठप हुआ।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया और राहत कार्य
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु ने संबंधित जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद रहने की घोषणा की ताकि बच्चों को खतरे से बचाया जा सके ।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और जिला प्रशासन रेडी मोड में थे; NDRF (National Disaster Response Force) और SDRF को तैनात किया गया ।
Chief Minister ने कई दिशानिर्देश दिए:
- मॉनिटरिंग टीमों को सतर्क रहने के आदेश
- नदी किनारे और ढलानों से लोगों को दूर रखने की अपील
- जरूरी सामान—राहत सामग्री, दवाइयां आदि त्वरित रूप से उपलब्ध कराना ।
तकनीकी और पर्यावरणीय कारण
इन प्राकृतिक घटनाओं के कई तकनीकी और मानवजनित कारण हैं:
- Hydroelectric परियोजनाओं की इंजीनियरिंग गतिविधियों से नदी प्रवाह और जल संग्रहण प्रभावित होता है; अनुभवी मतानुसार reservoir sudden release flash floods को जन्म दे सकते हैं ।
- भूस्खलन अक्सर चार–लेन पुल निर्माण, सड़क चौड़ीकरण, और ऊपरी ढलानों की कटाई से प्रेरित होते हैं, जैसे Shimla में पांच मंजिला भवन गिरने में देखा गया ।
- deforestation (वृक्षों की कटाई) भी slope stability को कम कर देती है और बारिस की तीव्रता वृद्धि का प्रभाव बढ़ा देती है ।
आगामी संभावित जोखिम और सुझाव
IMD के अनुसार, वर्तमान भारी वर्षा का दौर अगले 5–7 दिनों तक जारी रह सकता है ।
इस दौरान संभावित ख़तरे:
- भूस्खलन
- flash floods, विशेषकर राजमार्गों के पास
- बुनियादी ढांचे पर अतिरिक्त दबाव (पावर, पानी, सड़कें आदि)
सुझाव:
- ट्रैवल रद्द करें : अनावश्यक यात्रा को टाला जाए ।
- सरकारी अलर्ट देखें : IMD की ताज़ा चेतावनियाँ ध्यान से पढ़ें। स्थानीय रेड/ऑरेंज अलर्ट ज़ोन में ना जाएँ।
- आपदा किट तैयार रखें : प्राथमिक चिकित्सा, खाने-पीने का स्टॉक, टॉर्च, मोबाइल चार्जर आदि।
- नदी/नाले से दूर रहें : जलस्तर बढ़ने पर पानी से दूर रहें और ऊँचे इलाक़ों में रहें।
- सम्पर्क रखें : परिवार और पड़ोस में रहें। आपदा प्रबंधन की स्थानीय टीम से त्वरित मदद लें।
निष्कर्ष: सतर्कता की जरूरत
हिमाचल प्रदेश, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है, वर्तमान समय में आपात स्थिति में है। स्थिति सामान्य होने तक बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है।
अपना ध्यान रखें।
NDRF Website: https://www.ndrf.gov.in/en
SDRF Website: https://hpsdma.nic.in/
कमेंट बॉक्स में अपने सुझाव साझा करें ।
यह भी देखें: