नॉर्थ ईस्ट भारत की यात्रा प्रकृति प्रेमियों, साहसिक यात्रियों अर्थात ट्रेकिंग पसंद करने वाले(trekkers) और संस्कृति खोजने वालों के लिए एक अनमोल खजाना है। यह क्षेत्र अपनी अनोखी जनजातीय परंपराओं, स्वच्छ वातावरण, पर्वतीय सुंदरता और आतिथ्य भावना के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ हम बात करेंगे नॉर्थ ईस्ट इंडिया के सभी आठ राज्यों — अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मिज़ोरम, मणिपुर, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम (7 Sisters + Sikkim) की प्रमुख बातें।
1. अरुणाचल प्रदेश: सूरज की पहली किरण का घर

घूमने की जगहें:
- तवांग मठ: दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बौद्ध मठ, शांति और आध्यात्म का प्रतीक है।
- सेला पास: 13,700 फीट पर स्थित यह दर्रा बर्फ से ढका रहता है और बेहद मनमोहक दृश्य देता है। यह दर्रा ट्रेकर्स और फोटोग्राफर्स के लिए स्वर्ग है।
- बुमला पास: भारत-चीन सीमा पर स्थित यह स्थान ऐतिहासिक और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
संस्कृति और भोजन:
यहाँ 20 से अधिक जनजातियाँ निवास करती हैं, जिनमें मोनपा और न्याशी प्रमुख हैं। यहाँ का प्रमुख भोजन “थुकपा” और “मोमोज़” है।
सुरक्षा:
यह राज्य पूरी तरह सुरक्षित है, लेकिन सीमावर्ती क्षेत्रों में जाते समय परमिट (ILP) की आवश्यकता होती है।
मौसम और यात्रा का सर्वोत्तम समय:
मार्च से अक्टूबर का समय सबसे उपयुक्त है। इस दौरान मौसम सुहावना और यात्रा के अनुकूल रहता है। हालांकि बारिश के समय संभल कर यात्रा करें। सर्दियों में बर्फबारी का आनंद लेना चाहें तो नवंबर-दिसंबर भी अच्छा समय है।
2. असम: चाय के बागानों और ब्रह्मपुत्र का प्रदेश

घूमने की जगहें:
- काजीरंगा नेशनल पार्क: एक सींग वाले गैंडे का घर और यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट
- माजुली द्वीप: दुनिया का सबसे बड़ा नदी द्वीप, संस्कृति और साधु-संप्रदाय का केंद्र
- कामाख्या मंदिर: शक्तिपीठों में से एक, हर साल अंबुबाची मेले में हज़ारों श्रद्धालु आते हैं
संस्कृति और भोजन:
बिहू नृत्य ,असमिया साहित्य, भूपेन हजारिका का संगीत और असमिया हस्तशिल्प यहाँ की सांस्कृतिक धरोहर हैं। खाना मुख्यतः चावल-मछली एवं बांस का अचार है।
सुरक्षा:
असम में प्रमुख पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था अच्छी है। बड़े शहरों में सामान्य सतर्कता बरतना पर्याप्त है।
मौसम और यात्रा का सर्वोत्तम समय:
नवंबर से अप्रैल का मौसम ठंडा और सुहावना होता है, जो घूमने के लिए सबसे अच्छा समय है। बारिश के समय संभल कर यात्रा करें।
3. मेघालय: बादलों का घर

घूमने की जगहें:
- चेरापूंजी और मावसिनराम: विश्व के सबसे अधिक वर्षा वाले स्थान।
- लिविंग रूट ब्रिज: पेड़ की जड़ों से बने ये पुल पर्यावरणीय चमत्कार हैं।
- डावकी नदी: इतना साफ पानी कि नावें हवा में तैरती दिखती हैं।
- उमियम झील – सूर्यास्त के दृश्य देखने के लिए प्रसिद्ध।
संस्कृति और भोजन:
खासी, गारो और जयंतिया जनजातियाँ यहाँ निवास करती हैं। “जादोह” (चावल और मांस), “पुकलेन” (मीठी डिश) प्रसिद्ध स्थानीय व्यंजन हैं।
सुरक्षा:
मेघालय में अपराध दर बहुत कम है, यह महिलाओं के लिए भी सुरक्षित माने जाने वाला राज्य है।
मौसम और यात्रा का सर्वोत्तम समय:
अक्टूबर से मई का समय सबसे अच्छा है। मानसून के बाद प्राकृतिक सौंदर्य अपने चरम पर होता है। बारिश के समय संभल कर यात्रा करें।
4. मिज़ोरम: हरे पहाड़ों और आदिवासी संस्कृति का मिलन

घूमने की जगहें:
- आइजोल: राज्य की राजधानी जो हरी-भरी पहाड़ियों से घिरी है और मिज़ो संस्कृति का केंद्र।
- फुंगल पुई (ब्लू माउंटेन) नेशनल पार्क: मिज़ोरम की सबसे ऊँची चोटी और ट्रेकिंग के लिए उपयुक्त।
- वंगचुया झरना – यहाँ की गहराई और गूंज आपको मंत्रमुग्ध कर देगी।
संस्कृति और भोजन:
मिजो संस्कृति संगीत और नृत्य से भरपूर है। खाने में स्मोक्ड मांस, “बाई” (सब्जियों का सूप), चावल की बीयर “जू” शामिल हैं।
सुरक्षा:
राज्य शांतिपूर्ण है और पर्यटकों के लिए सुरक्षित है। लेकिन पहाड़ी रास्तों पर सावधानी जरूरी है।
मौसम और यात्रा का सर्वोत्तम समय:
सितंबर से अप्रैल तक मौसम खुशनुमा रहता है। बारिश के समय संभल कर यात्रा करें।
5. मणिपुर: झीलों और लोककलाओं का संगम

घूमने की जगहें:
- लोकतक झील: तैरते हुए वनस्पति द्वीप (फुमदी) और सेंड्रा द्वीप पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं।
- इम्फाल वॉर मेमोरियल – द्वितीय विश्व युद्ध की याद दिलाता है।
- कांगला फोर्ट – मणिपुर का ऐतिहासिक प्रतीक, कभी राज्य की राजधानी था।
संस्कृति और भोजन:
संस्कृति में मणिपुर नृत्य, मार्शल आर्ट्स “थांग-ता”, और handicrafts महत्वपूर्ण हैं।
भोजन में “ओट्टी” (अरबी की पत्तियों का व्यंजन), “एरोमबा” (मछली और सब्जी का मिश्रण) लोकप्रिय हैं।
सुरक्षा:
राज्य में कभी-कभी आंदोलन होते हैं, लेकिन पर्यटन क्षेत्र सामान्यतः शांत रहते हैं। स्थानीय सलाह का पालन करें।
मौसम और यात्रा का सर्वोत्तम समय:
अक्टूबर से मार्च का समय सबसे अनुकूल है। बारिश के समय संभल कर यात्रा करें।
6. नागालैंड: त्योहारों और योद्धाओं की भूमि

घूमने की जगहें:
- कोहिमा: राजधानी, कोहिमा युद्ध स्मारक और हेरिटेज विलेज से भरपूर।
- हॉर्नबिल फेस्टिवल: दिसंबर में होने वाला यह उत्सव राज्य की विविध जनजातीय संस्कृतियों को प्रदर्शित करता है।
- दज़ुकोउ वैली: फूलों से सजी यह घाटी हर ट्रैकर का सपना है।
संस्कृति और भोजन:
यहाँ की जनजातियाँ रंगीन पोशाकों और पारंपरिक युद्धक कलाओं के लिए जानी जाती हैं। 16 से अधिक जनजातियाँ हैं, हर एक की अपनी बोली और परंपरा है।
खाने में स्मोक्ड पोर्क, अचार, बांस के व्यंजन और नागा चटनी शामिल हैं।
सुरक्षा:
बीते वर्षों में सुरक्षा में काफी सुधार हुआ है। स्थानीय नियमों का पालन करें।
मौसम और यात्रा का सर्वोत्तम समय:
अक्टूबर से मई का समय सबसे उपयुक्त होता है। बारिश के समय संभल कर यात्रा करें।
7. त्रिपुरा: शाही विरासत और सांस्कृतिक विविधता

घूमने की जगहें:
- उज्जयंता पैलेस: यूरोपीय शैली में बना महल, अब संग्रहालय है।
- नीरमहल: जलमहल जो रुद्र सागर झील के बीच स्थित है।
- उनाकोटी: पहाड़ी चट्टानों पर बनीं भगवान शिव की मूर्तियाँ।
संस्कृति और भोजन:
यहाँ बंगाली और त्रिपुरी संस्कृति का मिश्रण मिलता है।
यहाँ के भोजन में त्रिपुरी व्यंजन जैसे “Mui Borok”, बांस अचार और मछली प्रमुख हैं।
सुरक्षा:
त्रिपुरा शांतिपूर्ण राज्य है, और पर्यटकों के लिए सुरक्षित माना जाता है।
मौसम और यात्रा का सर्वोत्तम समय:
नवंबर से मार्च का समय सबसे अच्छा है। बारिश के समय संभल कर यात्रा करें।
8. सिक्किम: हिमालय की गोद में बसा स्वर्ग

घूमने की जगहें:
- गंगटोक: राजधानी जो मॉडर्न और पारंपरिक संस्कृतियों का सुंदर मेल है।
- नाथुला पास: भारत-चीन सीमा पर स्थित एक महत्वपूर्ण दर्रा जो कभी सिल्क रूट का हिस्सा था।
- गुरुडोंगमार झील: 17,800 फीट की ऊँचाई पर, यह झील बर्फ से ढकी रहती है।
- युमथांग वैली: फूलों की घाटी के रूप में प्रसिद्ध, अप्रैल-मई में रंग-बिरंगी फूलों से भर जाती है।
संस्कृति और भोजन:
सिक्किम में नेपाली, लेपचा और भूटिया संस्कृति मिलती है। यहाँ बौद्ध मठों की उपस्थिति शांति का आभास कराती है।
भोजन में थुकपा, सेल रोटी, गुंड्रुक और मोमोज़ शामिल हैं।
सुरक्षा:
यह पर्यटकों के लिए सबसे सुरक्षित राज्यों में से एक है। घूमने-फिरने के लिए आदर्श।
मौसम और यात्रा का सर्वोत्तम समय:
मार्च से जून और फिर सितंबर से दिसंबर का समय घूमने के लिए सबसे उपयुक्त होता है। बारिश के समय संभल कर यात्रा करें
निष्कर्ष
नॉर्थ ईस्ट भारत की यात्रा अब भी उन लोगों के लिए एक रहस्य है जो आमतौर पर गोवा, राजस्थान या हिमाचल जैसे स्थलों पर ही सीमित रहते हैं। लेकिन जो पर्यटक नई जगहों, विविध संस्कृति और प्रकृति की गोद में कुछ पल बिताना चाहते हैं, उनके लिए यह क्षेत्र स्वर्ग से कम नहीं है। यहाँ की मेहमाननवाजी, खाना, रंग-बिरंगी संस्कृति और शांत वातावरण हर किसी के दिल को छू जाता है। अगर आप भी भारत के अनदेखे स्वर्ग की यात्रा पर निकलना चाहते हैं, तो फिर निकलिए नॉर्थ ईस्ट भारत की यात्रा के लिए ।
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